Tahalka Shayari :- दोस्तों आप तहलका शायरी को खोज रहे है. तों आप एकदम सही जगह पर आये है. आपको यहाँ पर सबसे Best Tahalka Shayari, तहलका 2 Line शायरी, तहलका शायरी बदमाशी, हिंदी में तहलका शायरी मिल जाएंगी. आप यहाँ से अपने मन पसंद की किसी भी शायरी को कॉपी करके आप इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सप्प में शेयर कर सकते है.
Contents
Best Tahalka Shayari
खून मे ऊबाल वो आज भी खानदानी है,
दुनिया हमारे शौक की नहीं,
हमारे तेवर की दिवानी है।
हमारी रगों में वो खून दोड़ता है,
जिसकी एक बूंद अगर तेजाब पर गिर जाए तो
तेजाब जल जाये।
भाई बोलने का हक़ मैंने सिर्फ दोस्तों को दिया है,
वरना दुश्मन तो आज भी हमें
बाप के नाम से पहचानते हैं।
जिंदगी अगर एक जंग है,
तो आपना ऐटिटूड भी दबंग है।
एक दिन साला लोगों कि गर्दी और
खाकी वर्दी दोनो अपने को सलाम ठोकेगी।
DP तो बस दिखाने के लिए है,
वरना आफत मचाने के लिए तो,
मेरा नाम ही काफी है।
गुलामी तो तेरे इश्क की हे वरना,
ये दिल कल भी नवाब था और आज भी हे।
हमारी शराफत का फायदा उठाना बंद कर दो ,
जिस दिन हम बदमाश हो गए, कयामत आ जाएगी।
तहलका शायरी
हम जैसा बनने की कोशिश छोड़ दो,
शेर पैदा होते हैं, बनाए नहीं जाते।
सभी लड़कों के नाम Love Letter लिखा जाता है,
पर हमारे नाम FIR लिखी जाती है।
करोड़ो कि बस्ती मे एक ही हस्ती है,
Only One Me…
रानी नहीं है तो क्याहूआ,
यह बादशाह आज भी
लाखों दिलों पर राज करता है।
ख़ौफ़ अपनी आँखों में रखो,
हथियारों से दुश्मन की
हड्डियाँ तोड़ी जा सकती है हौंसला नहीं।
माँ ने सिखाया चीजो को सही जगह पर रखना,
और बाप ने सिखाया लोगो को
उनकी औकात में रखना।
डूब जाए आसानी से मै वो कश्ती नहीं,
मिटा सको तुम मुझे ये बात,
तुम्हारे बस की नहीं।
साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे के औकात में रहे।
तहलका 2 Line शायरी
जिना है तो ऐसे जीओ की बाप को भी लगे,
मैने एक शेर पाला है।
इतने बड़े बनो कि जब
आप खड़े हों तो कोई बैठा न रहे।
हर कहानी का एक किँग होता है,
ओर हर किँग की एक कहानी।
दोस्ती दुश्मनी दोनों ही मज़ेदार है
बस निभाने का दम होना चाहिए।
कुछ सही तो कुछ खराब कहते है,
लोग हमे बिगड़ा हुआ नवाब कहते है।
हम वो विल्लन है, जो शराफत की उम्मीद
खुद से भी नहीं रखते हैं।
हमारे जीने का तरीका थोड़ा अलग है,
हम उमीद पर नहीं अपनी जिद पर जीते है।
हिंदी में तहलका शायरी
बादशाह नही टाइगर हूँ मै,
इस लिये लोग इज्ज़त से नही,
मेरी इजाज़त से मिलते है।
लाख तलवार बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ
सर जुकाना नहीं आता तो जुकाए कैसे।
शिकार तो सभी करते हैं लेकिन,
नवाबों से बेहतर शिकार कोई नहीं करता।
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना,
पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हूँ।
मुझे फर्क नहीं पड़ता की
दुनिया मेरे बारे में क्या कह रही है,
मै बहुत अच्छा हूँ,
यह मेरी माँ कह रही है।
हम तो ऐसी लड़कियाँ पटायेंगे,
जो हो सबसे हटके,
जिसे देखते ही दिल को लगे 440 वॉल्ट के जटके।
ख्वाब टूटे है मगर हौंसले जिन्दा है,
हम तो वो है जिन्हें देख के मुश्किलें भी शर्मिंदा है।
शेर को सवा शेर कहीं ना कहीं ज़रूर मिलता हैं,
और रही बात हमारी तो हम तो
बचपन से ही सवा शेर हैं।
तहलका शायरी बदमाशी
हमने बदमाशी क्या छोड़ दी
लोग खुद को ही बदमाश समझने लगे।
ज़हासे तेरी बादशाही खत्म होंती हे,
वहा से मेरी नवाबी सुरु होती हे।
पूरे शहर में नाम चलता है,
फ़ोटो लगे हैं थाने मैं,
शेर जैसा जिगरा चाहिऐ,
हमको हाथ लगाने मैं।
जली को आग और बुझी को राख कहते है,
और जिसकी तुम शायरी पढ़ रहे हो
उसे ऐटिटूड का बाप कहते है।
इधर बात ना बने तो उधर Try मारते है,
हम बदमाश है जानेमन हार कहाँ मानते है।
ना गाडी, ना बुलेट, ना ही रखे हथियार,
एक है सीने में जिगरा और दुसरे जिगरी यार।
शोर होता है मेरे चलने से फिर क्या
फर्क पड़ता है किसी के जलने से।
शेर के पाँव में अगर काँटा चुभ जाए,
तो उसका ये मतलब नहीं की
अब कुत्ते राज करेंगे।
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